केरल व थाईलैंड की दो इस्सयोगी बालिकाओं को दिया गया 'महात्मा सुशील माँ विजया पुरस्कार*
सदगुरु की दृष्टि से कोई भी ओझल नहीं है-माँ विजया *इस्सयोग'-प्रवर्त्तक के दो दिवसीय महानिर्वाण महोत्सव अखण्ड साधना,हवन-यज्ञ के साथ सम्पन्न हुआ,* *परम वैज्ञानिक थी महात्मा सुशील की आध्यात्मिक दृष्टि : बड़े भैया* * केरल व थाईलैंड की दो इस्सयोगी बालिकाओं को दिया गया 'महात्मा सुशील माँ विजया पुरस्कार* विनोद तकियावाला,स्वतंत्र पत्रकार पटना,24 अप्रैल।गुरुदेव की वाणी में अद्भुत शक्ति थी।वे वैज्ञानिक दृष्टि से अध्यात्म की व्याख्या करते थे।वे कहा करते थे कि हर एक व्यक्ति ऊर्जा की घनीभूत इकाई है।संपूर्ण ब्रह्माण्ड ही विराट ऊर्जा का पूँज है।वही परमात्मा है।परम वैज्ञानिक थी ब्रह्मलीन सदगुरुदेव की आध्यात्मिक दृष्टि, जो आधुनिक संसार को आकर्षित करती है।आज दुनिया के वैज्ञानिक भी वही बात कहने लगे हैं,जो हज़ारों वर्ष पूर्व हमारे संत-ऋषि कह चुके,जो हमारे सदगुरु कहा करते थे। यह बातें बुधवार को,बी-108, कंकड़बाग हाउसिंग कौलोनी स्थित गुरुधाम में,'अन्तर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज' के तत्त्वावधान में,'इस्सयोग' के प्